अक्षय फल देनेवाली अक्षय नवमी।।

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Akshay Navami Ka Akshay Fal
Akshay Navami Ka Akshay Fal

अक्षय फल देनेवाली “आँवला नवमी अथवा अक्षय नवमी”।। Akshay Navami Ke Daan Ka Akshay Fal.

जय श्रीमन्नारायण,

मित्रों, आप सभी भगवान के भक्तों को अक्षय नवमी की हार्दिक शुभकामनायें एवं अनन्त-अनन्त बधाईयाँ। आप सभी पर भगवान नारायण एवं माता महालक्ष्मी की सम्पूर्ण कृपा सदैव बनी रहे। आज अक्षय नवमी है। इसे आँवला नवमी या फिर अक्षय नवमी कहा जाता है। आज स्वर्ण एवं भूमि का गुप्त रूप से दान करने का बहुत ही महत्त्व होता है। आज के दिन आँवला के पेड़ के नीचे दीप जलाकर पूजन किया जाता है।।

पूजन के उपरान्त “ॐ धात्रयै नमः” इस मंत्र का जप करना चाहिये। आँवले के जड़ में भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिये। आज के दिन फल तथा अनाज आदि के दान का भी फल अक्षय होता है। अक्षय का अर्थ होता है, “जिसका कभी भी क्षय ना हो” ऐसा फल दान करने वाले को प्राप्त होता है। कार्तिक शुक्ल नवमी जिसे “अक्षय नवमी” तथा “आँवला नवमी” भी कहते है। अक्षय नवमी को जप, दान, तर्पण, स्नानादि का भी अक्षय फल होता है।।

इस दिन आँवले के वृक्ष के पूजन का विशेष माहात्म्य है। पूजन में कपूर या घी के दीपक से आँवले के वृक्ष की आरती करनी चाहिए। प्रदक्षिणा के निम्न मंत्र को बोलते हुये आँवले के वृक्ष की प्रदक्षिणा करने का भी विधान है।।

यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च।।
तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिणपदे पदे।।

मित्रों, इसके बाद आँवले के वृक्ष के नीचे श्रेष्ठ, वेदपाठी ब्राम्हणों एवं भगवान के साधक-भक्तों को भोजन कराकर फिर स्वयं भी आँवले के वृक्ष के नीचे ही भोजन करना चाहिए। घर में आंवलें का वृक्ष न हो तो गमले में आँवले का पौधा लगाकर अथवा किसी पवित्र, धार्मिक स्थान, आश्रम आदि में भी वृक्ष हो तो उसके नीचे पूजन कर सकते है। आंवला नवमी के दिन सुबह नहाने के पानी में आंवले का रस मिलाकर नहाने से भी अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है।।

यह केवल आध्यात्मिक ही नहीं अपितु वैज्ञानिक कारणों से भी आवश्यक बताया गया है। क्योंकि ऐसा करने से आपके अगल-बगल जितनी भी नकारात्मक ऊर्जा होगी वह सब समाप्त हो जाती हैं। सकारात्मकता और पवित्रता की वृद्धि एवं रोग नाशक उर्जा का विकास होती है। इस सकारात्मक उर्जा के साथ ही आंवले के पेड़ में भगवान नारायण एवं माता लक्ष्मी का पूजन करने से अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है।।

आज अर्थात अक्षय नवमी के दिन आँवला वृक्ष के मूल में भगवान लक्ष्मी-नारायण का पूजन करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है। आप सभी भगवान के भक्तों को पुनः एक बार अक्षय नवमी की हार्दिक शुभकामनायें एवं अनंतानंत बधाईयाँ। आप सभी पर भगवान नारायण एवं माता महालक्ष्मी की सम्पूर्ण कृपा सदैव बनी रहे।।

नारायण सभी का नित्य कल्याण करें । सभी सदा खुश एवं प्रशन्न रहें ।।

।। सदा सत्संग करें । सदाचारी और शाकाहारी बनें । सभी जीवों की रक्षा करें ।।

नारायण सभी का नित्य कल्याण करें । सभी सदा खुश एवं प्रशन्न रहें ।।

जयतु संस्कृतम् जयतु भारतम्।।

।। नमों नारायण ।।

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भागवत प्रवक्ता- स्वामी धनञ्जय जी महाराज "श्रीवैष्णव" परम्परा को परम्परागत और निःस्वार्थ भाव से निरन्तर विस्तारित करने में लगे हैं। श्रीवेंकटेश स्वामी मन्दिर, दादरा एवं नगर हवेली (यूनियन टेरेटरी) सिलवासा में स्थायी रूप से रहते हैं। वैष्णव धर्म के विस्तारार्थ "स्वामी धनञ्जय प्रपन्न रामानुज वैष्णव दास" के श्रीमुख से श्रीमद्भागवत जी की कथा का श्रवण करने हेतु संपर्क कर सकते हैं।।

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