भगवान आपको गोद लेने को बुला रहा है।।

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Bhagwan God Lene Ko Bula Raha Hai
Bhagwan God Lene Ko Bula Raha Hai

भगवान आपको गोद लेने को तैयार बैठा बुला रहा है, आ जाओ, आ जाओ, आ जाओ।। Bhagwan God Lene Ko Bula Raha Hai.

जय श्रीमन्नारायण,

मित्रों, भगवान कृष्ण गीता में अर्जुन से कहते हैं, कि हे कुन्तीपुत्र! दैवी प्रकृति के आश्रित महात्माजन मुझको सब भूतों का सनातन कारण और नाशरहित अक्षरस्वरूप जानकर अनन्य मन से युक्त होकर निरंतर भजते हैं।।

सततं कीर्तयन्तो मां यतन्तश्च दृढ़व्रताः।
नमस्यन्तश्च मां भक्त्या नित्ययुक्ता उपासते।।

अर्थ:- जो दृढ़ निश्चय वाले भक्तजन निरंतर मेरे नाम और गुणों का कीर्तन करते हुए तथा मेरी प्राप्ति के लिए यत्न करते हुए और मुझको बार-बार प्रणाम करते हुए सदा मेरे ध्यान से युक्त होकर अनन्य प्रेम से मेरी उपासना करते हैं।।

सदैव ही उनका कल्याण होता है और उनकी इच्छित कामनाओं की पूर्ति बिना मांगे ही हो जाती है। क्योंकि –

पिताहमस्य जगतो माता धाता पितामहः।। “गीता”

अर्थ:- इस संपूर्ण जगत्‌ का धाता अर्थात्‌ धारण करने वाला एवं कर्मों के फल को देने वाला, पिता, माता, पितामह तथा जानने योग्य और सर्वसमर्थ भी मैं ही हूँ।।

जहाँ स्वयं परमात्मा ही गोद लेने को तैयार बैठा हो वहां काहे की दरिद्रता भाई? भजन करो और जो चाहिये केवल इच्छाओं से ही प्राप्त कर लो। माँगने की भी आवश्यकता नहीं है, मांगना तो उसे पड़ता है, जिसे अपने आराध्य पर भरोसा और विश्वास ही न हो।।

इस बात पर पूर्ण आस्था जिस दिन मन में प्रगाढ़ हो जाएगी परमात्मा आपका हो जायेगा। वैसे तो वो आपका ही है, और इस बात में कोई संशय नहीं है। इस बात का प्रमाण हैं भगवान श्रीनाथ जी। आप देखो उनका हाथ, ऐसे लग रहा है, जैसे वो तुम्हें बुला रहे हों, आ जाओ, आ जाओ, आ जाओ।।

नारायण सभी का नित्य कल्याण करें । सभी सदा खुश एवं प्रशन्न रहें ।।

।। सदा सत्संग करें । सदाचारी और शाकाहारी बनें । सभी जीवों की रक्षा करें ।।

नारायण सभी का नित्य कल्याण करें । सभी सदा खुश एवं प्रशन्न रहें ।।

जयतु संस्कृतम् जयतु भारतम्।।

।। नमों नारायण ।।

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भागवत प्रवक्ता- स्वामी धनञ्जय जी महाराज "श्रीवैष्णव" परम्परा को परम्परागत और निःस्वार्थ भाव से निरन्तर विस्तारित करने में लगे हैं। श्रीवेंकटेश स्वामी मन्दिर, दादरा एवं नगर हवेली (यूनियन टेरेटरी) सिलवासा में स्थायी रूप से रहते हैं। वैष्णव धर्म के विस्तारार्थ "स्वामी धनञ्जय प्रपन्न रामानुज वैष्णव दास" के श्रीमुख से श्रीमद्भागवत जी की कथा का श्रवण करने हेतु संपर्क कर सकते हैं।।

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