राजा भोज का कालीदास से दस सवाल।।

0
1380
Das Mahatvapurn Prashn
Das Mahatvapurn Prashn

राजा भोज का कालीदास से दस सवाल।। Das Mahatvapurn Prashn.

मित्रों, पहले के राजा-महाराजा लोग अपने मंत्रियों से कभी-कभी बहुत गहरे ज्ञान की चर्चा किया करते थे। इसी प्रकार की एक चर्चा राजा भोज ने अपने समय के महान बुद्धिमान एवं महान कवि तथा अपने नवरत्नों में से एक महाकवि कालिदास जी से किया था। एक समय राजा भोज ने बहुत ही महत्वपूर्ण 10 प्रश्न पूछे थे।।

आइए आज हम उन 10 प्रश्नों की चर्चा करते हैं, जिसके उत्तर में महाकवि कालिदास जी ने राजा भोज को क्या उत्तर दिया था? उसके विषय में चर्चा करते हैं।।

राजा भोज का प्रथम प्रश्न:- संसार में भगवान की “सर्वश्रेष्ठ रचना” क्या है?
महाकवि कालिदास जी का उत्तर:- दुनिया में भगवान की सर्वश्रेष्ठ रचना ”मां” है।।

राजा भोज का द्वितीय प्रश्न:- संसार का सर्वश्रेष्ठ फूल कौन सा है?
महाकवि कालिदास जी का उत्तर:- संसार का सर्वश्रेष्ठ फूल “कपास का फूल” है।।

राजा भोज का तृतीय प्रश्न:- संसार का सर्वश्र॓ष्ठ सुगंध या इत्र (Perfume) कौन सी है?
महाकवि कालिदास जी का उत्तर:- संसार का सर्वश्र॓ष्ठ सुगंध वर्षा से भीगी मिट्टी की सुगंध है।।

राजा भोज का चतुर्थ प्रश्न:- संसार की सर्वश्र॓ष्ठ मिठास कौन सी है?
महाकवि कालिदास जी का उत्तर:- संसार की सर्वश्रेष्ठ मिठास “वाणी की” मिठास होती है।।

राजा भोज का पञ्चम प्रश्न:- संसार का सर्वश्रेष्ठ दूध किसका होता है?
महाकवि कालिदास जी का उत्तर:- संसार का सर्वश्रेष्ठ दूध “मां का” दूध होता है।।

राजा भोज का षष्ठ प्रश्न:- संसार में सबसे काला क्या होता है?
महाकवि कालिदास जी का उत्तर:- संसार में सबसे काला “कलंक” होता है।।

राजा भोज का सप्तम प्रश्न:- संसार में सबसे भारी क्या होता है?
महाकवि कालिदास जी का उत्तर:- संसार में सबसे भारी “पाप” होता है।।

राजा भोज का अष्टम प्रश्न:- संसार में सबसे सस्ता क्या है?
महाकवि कालिदास जी का उत्तर:- संसार में सबसे सस्ता “सलाह” है।।

राजा भोज का नवम् प्रश्न:- संसार में सबसे महंगा क्या है?
महाकवि कालिदास जी का उत्तर:- संसार में सबसे महंगा “सहयोग” है।।

राजा भोज का दशम प्रश्न:- संसार में सबसे “कड़वा” क्या होता है?
महाकवि कालिदास जी का उत्तर:- संसार में सबसे कड़वा “सत्य” होता है।।

महाकवि कालिदास जी के इन उत्तरों को सुनकर के राजा भोज अत्यन्त गदगद हो गए और अपने सिंहासन से उठकर गले से लगा लिया। और गर्व से कहने लगे कि सचमुच आप महान हैं। हम आपके जैसे विद्वान की छत्रछाया में अत्यंत सुरक्षित हैं। इसमें कोई संशय नहीं है।।

नारायण सभी का नित्य कल्याण करें । सभी सदा खुश एवं प्रशन्न रहें ।।

 
 
जय जय श्री राधे ।।
जय श्रीमन्नारायण ।। 
Previous articleसबकी एक दिन यही गति होगी।।
Next articleक्या सिर्फ भारत में ही जाति व्यवस्था थी?।।
भागवत प्रवक्ता- स्वामी धनञ्जय जी महाराज "श्रीवैष्णव" परम्परा को परम्परागत और निःस्वार्थ भाव से निरन्तर विस्तारित करने में लगे हैं। श्रीवेंकटेश स्वामी मन्दिर, दादरा एवं नगर हवेली (यूनियन टेरेटरी) सिलवासा में स्थायी रूप से रहते हैं। वैष्णव धर्म के विस्तारार्थ "स्वामी धनञ्जय प्रपन्न रामानुज वैष्णव दास" के श्रीमुख से श्रीमद्भागवत जी की कथा का श्रवण करने हेतु संपर्क कर सकते हैं।।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here