पर्दा ना कर पुजारी दिखने दे राधा प्यारी।। parda naa kar pujari dikhane de radha pyari.
पर्दा ना कर पुजारी दिखने दे राधा प्यारी ।
मेरे पास वक्त कम है और बात है ढेर सारी ।।
मेरे पास वक्त कम है और बात है ढेर सारी ।।
कहने दे मुझको मेरे मन में जो चल रहा है ।
एक आस के सहारे जीवन निकल रहा है ।।
बड़ी मुश्किल को सह कर आई है अब मेरी बारी,
एक आस के सहारे जीवन निकल रहा है ।।
बड़ी मुश्किल को सह कर आई है अब मेरी बारी,
पर्दा ना…….
जग ने जो तीर मारे मैं थक के गिर पड़ी थी ।
जब होश आयी मुझको श्यामा सामने खड़ी थी ।।
फिर हाथ ऐसा थामा चढ़ी नाम की खुमारी ।
जब होश आयी मुझको श्यामा सामने खड़ी थी ।।
फिर हाथ ऐसा थामा चढ़ी नाम की खुमारी ।
पर्दा ना……
भव सिंधु में गिरी थी कैसे मुझे उबारा ।
मैं खुद नहीं हूँ आयी इनका हुआ इशारा ।।
क्या क्या सुनाये तुमको हरिदास ये बिचारी ।
मैं खुद नहीं हूँ आयी इनका हुआ इशारा ।।
क्या क्या सुनाये तुमको हरिदास ये बिचारी ।
पर्दा ना……..
कुछ शायरियाँ:- इस तरह मेरी तरफ मेरा कन्हैया देखे ।
दर्द दिल में ही रहे और दवा हो जाए ।।
जिंदगी को मिले कोई हुनर ऐसा भी ।
सबमे मौजूद भी हो और फना हो जाए ।।
दिल में उम्मीद की समां जला रखी है ।
हमने अपनी अलग दुनिया बसा रखी है ।।
इस उम्मीद के साथ की आएंगे वो कभी ।
हमने हर राह पर अपनी पलकें बिछा रखी है ।।
क्योंकि प्यारे ! आपके बिना हमारा कोई आस्तित्व ही नहीं बचता ।।