बहुत ही मजेदार भजन स्वामी श्री धनञ्जय जी महाराज जी के श्रीमुख से – अनुपम माधुरी जोड़ी हमारे श्याम श्यामा की..।। रसीली मदभरी अखियाँ हमारे श्याम श्यामा की…. ।।
अनुपम माधुरी जोड़ी, हमारे श्याम श्यामा की,
रसीली मद भरी अँखियाँ, हमारे श्याम श्यामा की॥
अनुपम माधुरी जोड़ी, हमारे श्याम श्यामा की..
मुकुट और चंद्रिका माथे, अधर पर पान की लाली,
अहो कैसी बनी छबि है, हमारे श्याम श्यामा की॥
अनुपम माधुरी जोड़ी, हमारे श्याम श्यामा की..
कटीली भौंह, अदा बाँकी, सुघर सूरत, मधुर बतिया,
लचक गरदन की मन बसिया, हमारे श्याम श्यामा की॥
अनुपम माधुरी जोड़ी, हमारे श्याम श्यामा की..
परस्पर मिलके जब बिहरें, वो वृन्दावन के कुँजन में,
नहीं बरनत बने शोभा, हमारे श्याम श्यामा की॥
अनुपम माधुरी जोड़ी, हमारे श्याम श्यामा की..
नहीं कुछ लालसा धन की, नहीं निर्वाण की इच्छा,
सखी दासों को दर्शन मिले, हमारे श्याम श्यामा की॥
अनुपम माधुरी जोड़ी, हमारे श्याम श्यामा की..
अनुपम माधुरी जोड़ी, हमारे श्याम श्यामा की,
रसीली मद भरी अँखियाँ, हमारे श्याम श्यामा की॥
अनुपम माधुरी जोड़ी हमारे श्याम श्यामा की..।। रसीली मदभरी अखियाँ हमारे श्याम श्यामा की…. ।। Anupam Madhuri Jodi Hamare Shyam Shyama Ki. Rasili Madbhari Akhiya Hamare Shyam Shyama Ki.