चैत्र नवरात्रि कलश स्थापन मुहूर्त एवं नववर्ष विशेष।।

0
1750
Navratri 2021 Ghatasthapana
Navratri 2021 Ghatasthapana

चैत्र नवरात्रि कलश स्थापन मुहूर्त एवं नववर्ष विशेष।। Navratri 2022 Ghatasthapana.

Chaitra Navratri 2022 Kalash Sthapana Date Muhurt. नवरात्रि का पर्व हृषिकेश पंचांग के अनुसार 02 अप्रैल से आरंभ हो रहा है। नवरात्रि के दिन घटस्थापना का सही मुहूर्त क्या है, आइए जानते हैं।।

Chaitra Navratri 2022 Ghatasthapana: आज 02 अप्रैल 2022 दिन शुक्रवार से चैत्र मास का आरंभ हो रहा है। चैत्र मास में ही चैत्र नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना की जाती है। इसके साथ ही नवरात्रि का पर्व आरंभ हो जाता है। नवरात्रि में कलश स्थापना यानि घटस्थापना शुभ मुहूर्त में करना चाहिए।।

इस वर्ष शुक्रवार से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। नवरात्रि के पावन मौके पर हर बार मां अलग- अलग वाहनों से आती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के पावन दिनों में मां धरती पर ही निवास करती हैं। इन दिनों में मां को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन दिनों में मां की पूजा- अर्चना करने से भक्तों को मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है।।

मां के अलग-अलग वाहनों से आने का क्या अर्थ होता है। आइए जानते हैं, इस बार किस वाहन से माताजी आ रही हैं। मूलतः इस प्रकार अलग-अलग वाहनों से आकर माता भविष्य की घटनाओं के बारे में संकेत देती हैं। देवीभागवत पुराण के अनुसार मां दूर्गा का आगमन आने वाले भविष्य की घटनाओं के बारे में संकेत देता है। वैदिक सनातन मान्यताओं के अनुसार मुख्य रूप से मां का वाहन शेर होता है।।

परन्तु नवरात्रि के पावन मौके पर मां पृथ्वी पर अलग-अलग वाहनों पर आती हैं। और यह दिन के हिसाब से निर्धारित होता है। मां किस वाहन से धरती पर आएंगी ये दिन पर निर्भर करता है। जैसे अगर नवरात्रि की शुरुआत रविवार, सोमवार से हो रही हो तो मां पृथ्वी पर हाथी पर सवार होकर आती हैं। शनिवार, मंगलवार से नवरात्रि प्रारंभ हो तो मां घोड़े पर सवार होकर आती हैं। गुरुवार, शुक्रवार से नवरात्रि प्रारंभ हो तो मां डोली में सवार होकर आती हैं। वहीं अगर बुधवार से बासन्तीय नवरात्रि प्रारंभ हो तो मां नाव पर सवार होकर आती हैं।।

इस वर्ष नववर्ष एवं बासन्तीय नवरात्रि शुक्रवार से प्रारंभ हो रही हैं। इसलिए इसबार मां डोली पर सवार होकर आएंगी। डोली से आने का मतलब- मां का अपने मायके या भक्तों के घर आना और उन्हें अभयदान प्रदान करना हमेशा ही शुभ होता है। लेकिन शास्त्रानुसार मां दुर्गा का डोली पर सवार होकर आना भविष्य के लिए अशुभ संकेत देता है। शास्त्रानुसार मां का डोली पर सवार होकर आना प्राकृतिक आपदा, महामारी और देश में शासन व्यवस्था में अस्थिरता का संकेत देता है। इसके कारण भविष्य में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन नवरात्रि में माँ का पूरी श्रद्धा एवं मनोयोग से पूजन करने से इन समस्याओं का समाधान मिल जाता है। वहीं देवी मां की विदाई नर वाहन से होने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी।।

इस बार चैत्र अर्थात बासन्तीय नवरात्र में जानें कौन से फूल देवी को नहीं चढ़ाने चाहिए। नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि में नियमों का पालन महत्वपूर्ण माना गया है। नवरात्रि में विधि पूर्वक पूजा करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। चैत्र नवरात्रि में मां की पूजा करने से जीवन में आने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है वहीं सुख, समृद्धि और जीवन में शांति बनी रहती है।।

इस बासन्तीय अर्थात चैत्र नवरात्रि में सभी तिथियों का विस्तृत वर्णन जानें।।

कलश स्थापना का मुहूर्त कब है?

घटस्थापना से ही नवरात्रि की पूजा का विधिवत आरंभ माना जाता है। नवरात्रि में घटस्थापना का विशेष महत्व होता है। हृषिकेश पंचांग के अनुसार 2 अप्रैल 2022 को घटस्थापना की जाएगी।।

घटस्थापना का मुहूर्त:-

चैत्र नवरात्रि 2022 आरंभ – 02 अप्रैल 2022, शनिवार
चैत्र नवरात्रि 2022 समाप्ति – 11 अप्रैल 2022, सोमवार
कलश स्थापना शुभ मुहूर्त – 02 अप्रैल, प्रात: 06:01 से 08:29 तक
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:01 से 12:50 तक

घटस्थापना के लिए मिट्टी के पात्र में सात प्रकार के अनाज बोए जाते हैं। इसके उपरांत पात्र के ऊपर कलश की स्थापना करें। कलश में जल भरें। इसमें गंगाजल भी मिलाएं। कलश पर कलावा बांधें। कलश के मुख पर आम के पत्ते रख दें। फिर जटा वाले नारियल को कलावा को बांधकर रख दें। लाल कपड़े में नारियल को लपेट कर भी कलश के ऊपर रख सकते हैं।।

।। नारायण सभी का कल्याण करें ।।

Sansthanam: Swami Ji: Swami Ji Blog: Sansthanam Blog: facebook Page.

जयतु संस्कृतम् जयतु भारतम्।।

जय जय श्री राधे।।
जय श्रीमन्नारायण।।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here