आवश्यकता के अनुसार यंत्रों का प्रयोग एक वैदिक रीति!! Yantra Prayog Vidhi.
जय श्रीमन्नारायण,
मित्रों, जैसा की मैं पहले भी बता चूका हूँ, की कुछ नम्बर्स ऐसे होते हैं, जिनको सही जगह पर बिठाकर सही रूप देने पर, किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति हो सकती है! हमारे देश में कुछ अनुभवी व्यक्ति हुए, जिन्होंने इस प्रकार की अपनी अनुभूतियाँ हमें हमारे कल्याणार्थ प्रदान किया!!
अगर आप पुछेंगें की उस अनुभवी व्यक्ति का नाम क्या था, तो शायद ये, बताना मुश्किल होगा ! लेकिन इन अनुभूतियों को आज भी बहुत लोग हैं, जिन्होंने प्रयोग में लिया है, और सत्य प्रमाणित किया है! लेकिन केवल भगवान अथवा किसी यंत्र के भरोसे बैठ जाना, और ये सोंच लेना की हमने तो यंत्र पहन लिया अब मेरा तो काम हो ही जायेगा, मुर्खता होगी! क्योंकि – उद्योगिनं हि पुरुष सिंहमुपैती लक्ष्मी – उद्योगी अर्थात परिश्रमी व्यक्ति को हि लक्ष्मी भी वरण करती है, कायरों को वो भी नकार देती है!!
यंत्र प्रभावी होते हैं, लेकिन परिश्रमी पुरुष को हि ये भी सहायता करते हैं, अत: हमें मेहनत जी जान से करना है, और इन विद्याओं का भी सहारा लेना है, तभी हमें पूर्ण सफलता मिलेगी! इन विद्याओं को आध्यात्मिक व्यक्तियों द्वारा दबाया जाता है, क्योंकि लोग कभी-कभी इन विद्याओं का दुरुपयोग करने लगते हैं!!
लेकिन आप कभी-भी इन विद्याओं का सही समय एवं सही जगह पर नेक नियत से प्रयोग करेंगें, तो सफलता निश्चित ही आपके कदम चूमेगी!!
वैसे ये यंत्र सफलता प्राप्ति यंत्र है, अगर आपको किसी सेवा क्षेत्र के कार्य में, बार-बार असफलता मिलती है, तो आप इस यंत्र का निर्माण काली स्याही से, भोजपत्र पर, शनिवार के दिन!! ॐ क्लीं महाकाल्यै नम: मम कार्यं सिद्धं कुरु कुरु हूँ फट !! इस मन्त्र का जप करते हुए, एकांत स्थान में बैठकर निर्मित करें!!
यंत्र तैयार होने के बाद, इसकी पूजा षोडशोपचार से करें, और उपरोक्त मन्त्र का १००८ बार जप करें! फिर इस यंत्र को, ताबीज में भर कर, पुरुष अपने दाहिनी भुजा पर, एवं स्त्री अपनी बायीं भुजा पर, काले रंग के धागे में बांधे! और फिर किसी भी तरह की परीक्षा अथवा प्रतियोगिता में निश्चिन्त होकर बैठे! सफलता निश्चित रूप से उसकी कदम चूमेगी, इस यंत्र के प्रभाव से!!
इन यंत्रों का कोई पूर्ण प्रमाण तो नहीं मिलता, लेकिन यह गुरु-शिष्य की श्रवण परंपरा से, आदिकाल से चली आ रही है! तथा नियम पूर्वक सच्ची भावना से धारण करने पर, कारगर भी होती है!!
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!! नमों नारायणाय !!