अथ वेदव्यासकृतं वेङ्कटेशध्यानम्।। Venkatesha Dhyanam.
मित्रों, इस स्तोत्र में कुछ शब्द मिसिंग है। इसका कोई पुख्ता प्रमाण कहीं मिलता नहीं है। फिर भी यह भगवान स्वामी श्री वेंकटेश तिरुपति बालाजी का ध्यान स्तोत्र है। और इस स्तोत्र की बहुत बड़ी महिमा बताई गई है। इस स्तोत्र से जो भगवान स्वामी व्यंकटेश का ध्यान करता है। उसको तत्काल शांति, भुक्ति एवं मुक्ति भी प्राप्त हो जाती है। इसमें कोई संशय नहीं है। आइए इस स्तोत्र का मन लगाकर ध्यान से दिन में एक बार अवश्य ही पाठ करें।।
वेदव्यासध्यानम्:-
श्रीवेंकटेशमनुवासरमिन्दिरेशं
दुग्धान्नपूर्णमधुशर्करगोघृताढ्यम् ।
रम्भाफलेन सह षड् सयुक्तदिव्य (missing letter?)
राजान्नसूपममृतं स्मरतां करस्थम् ॥ १॥
संपूर्णवृष्टिमिह वर्षय कालमेघैः
दुर्भिक्षकालरहितं कुरु वेंकटेश ।
कारुण्यजीवननिधिर्जगतां त्वमद्य
त्वामेव नौमि सततं वरद प्रसीद ॥ २॥
तिष्ठन् स्वामिसरोवरस्थलवरे श्रीवेंकटेश स्मयन्
लक्ष्म्याऽलङ्कृतबाहुमध्यविलसत्सर्वाङ्गभूषोज्ज्वलः ।
वैकुण्ठाद्रिरसौ समस्तजगतामित्येव सन्दर्शयन्
विश्वालिङ्गनभाग्यवान् विजयते ब्रह्मेन्द्ररुद्रेश्वरः ॥ ३॥
वेदव्यासकृतं ध्यानं निद्रान्ते स्मरतामिदम् ।
सर्वारोग्यं च भोगश्च नराणां तत्पदं भवेत् ॥
।। इति वेदव्यासध्यानम् ।।
नारायण सभी का नित्य कल्याण करें । सभी सदा खुश एवं प्रशन्न रहें ।।
।। सदा सत्संग करें । सदाचारी और शाकाहारी बनें । सभी जीवों की रक्षा करें ।।
नारायण सभी का नित्य कल्याण करें । सभी सदा खुश एवं प्रशन्न रहें ।।
जयतु संस्कृतम् जयतु भारतम्।।
।। नमों नारायण ।।